बिहार के हर प्रखंड में बनेगा शानदार स्विमिंग पूल, तैराकी के साथ इन चीजों की मिलेगी ट्रेनिंग
शरीर के लिए स्विमिंग को सबसे बेहतर व्यायाम माना जाता है। लेकिन बिहार में संसाधन की कमी होने के कारण स्विमिंग के क्षेत्र में ज्यादा काम करने का अवसर नहीं मिल पाता है। जहां अन्य राज्यों की बात करें तो वहां के स्विमिंग खिलाड़ी को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से आगे बढ़ने का अवसर मिलता है वहीं बिहार के खिलाड़ी लगातार इस खेल में पीछे रहे हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। बता दें कि अगर आप भी स्विमिंग के खिलाड़ी हैं या आपको भी तरह की करने का शौक है तो अब आपको निराश होने की जरूरत नहीं क्योंकि बिहार सरकार इस क्षेत्र में बड़ा निवेश करने जा रही है और ऐसा माना जा रहा है कि बिहार के हर प्रखंड में एक शानदार स्विमिंग पूल का निर्माण बिहार सरकार अपने खर्चे पर करने जा रही है।
जाने कब शुरू होगी निर्माण प्रक्रिया, क्या-क्या होगा खास
जानकारी के अनुसार, राज्य के सभी प्रखंडों में स्वीमिंग पूल बनाये जायेंगे। ये पूल 25 मीटर लंबे और 12.5 मीटर चौड़े होंगे। बाढ़ से बचाव के लिए हर आयु वर्ग के लोगों को तैराकी सिखाई जाएगी। वहीं प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में कुछ ऐसे लोग भी होंगे, जो तैराक बनकर उभरेंगे। जिन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली तैराकी प्रतियोगिता में जाने का मौका मिल सकेगा। इसके निर्माण के लिए आपदा प्रबंधन ने भवन निर्माण विभाग को प्रस्ताव बनाने को पत्र लिखा था। अब भवन निर्माण विभाग ने नक्शा और प्राक्कलन तैयार कर आपदा प्रबंधन को भेज दिया है। वहां से स्वीकृति मिलते ही निर्माण की दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा।
तैराकी में करियर के साथ आपदा प्रबंधन की मिलेगी ट्रेनिंग
ऐसा माना जा रहा है कि बिहार सरकार की ओर से प्रस्ताव पारित होने के बाद इस परियोजना में मार्च के अंतिम सप्ताह से कार्य शुरू हो जाएगा। वही इस क्षेत्र में करियर बनाने के साथ-साथ इस स्विमिंग पूल में लोगों को आपदा प्रबंधन की भी ट्रेनिंग दी जाएगी इसके बाद पानी में डूबने वालों की संख्या में कमी आने की संभावना है। इसके पहले चरण में गंगा के किनारे बसे प्रखंडों में जमीन उपलब्धता के आधार पर स्विमिंग पूल का निर्माण होगा। इसके बाद बाढ़ से प्रभावित होने वाले प्रखंडों में इसका निर्माण होगा और लोगों को तैराकी का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
स्विमिंग पूल में ये सुविधाएं होंगी
यह चार लेन का होगा, चारों ओर स्टील की रेलिंग रहेगी। वही इसके चारों तरफ व ऊपरी भाग में टाइल्स लगाई जाएगी। साथ में महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग चेंजिंग रूम और शौचालय बनेंगे। वही पानी की कमी नहीं हो, इसके लिए दो सबमर्सिबल बोरिंग भी लगाई जाएंगी। वही बिहार में नदियों का जाल होने के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर युवा तैराकी में नहीं उभर पा रहे हैं। सुविधाएं बढ़ने से यहां भी ऐसे तैराक तैयार हो सकेंगे।