बिहार के बांका के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अब मशरूम उत्पादक बन गए हैं। व्यापक स्तर पर मशरूम का उत्पादन कर यह सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोटी कमाई कर रहा है। वे उत्पादित मशरूम इलाके में सोशल मीडिया के जरिए लोगों के घरों तक पहुंचा कर अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। बता दें कि रंजन कुमार आसपास के ग्रामीणों को मशरूम की खेती के गुर सिखा रहे हैं, और आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
बांका जिले के तेतरिया गांव निवासी कामेश्वर यादव के बेटे रंजन कुमार जोधपुर से सॉफ्ट इंजीनियरिंग की पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद नोएडा में प्रोग्राम डेवलपर की नौकरी कर रहे थे। साल 2019 में कोविड के दस्तक देते ही पूरे देश में लॉक डाउन लग गया जिसके चलते उन्हें घर पर रहकर work-from-home करना पड़ा। घर पर काम करते हुए उन्हें एक आईडी आया कि बचे हुए समय से कुछ किया जाए। फिर उन्होंने मशरूम की खेती शुरू कर दी और आज युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गए।
रंजन बताते हैं कि नोएडा में ट्रेनिंग लेकर मशरूम का उत्पादन शुरू किया। रांची से कोकोपीट व अन्य समान मंगवा कर अपने ही घर में बीज प्रोडक्शन का छोटा लैब बनाया। उन्होंने बताया कि आठ से 10 कमरे में मशरूम का उत्पादन कर प्रति महीने 20 से 30 हजार रुपए कमा लेते हैं। वे कहते हैं कि कोई भी अपने मकान के कमरे में मशरूम का उत्पादन कर अच्छी-खासी कमाई कर सकता है।
बता दें कि रंजन सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं और इसी के जरिए होम डिलीवरी कर अपने मशरूम की बिक्री कर रहे हैं। अब तो एरिया के लोगों को मशरूम प्रोडक्शन की फ्री में ट्रेनिंग देकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में जुट गए हैं। स्थानीय लोग रंजन की सराहना करते नजर आते हैं।