बिहार समेत पूरे देश में बढ़ते प्रदूषण की समस्या को देखते हुए केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पिछले कई वर्षों से सीएनजी चालित वाहनों पर जोर दे रहा है। इसके साथ-साथ में प्रावधानों के अनुसार सभी वाहनों को आने वाले समय में सीएनजी में अपडेट करने की योजना है। आने वाले समय में कुछ पुराने वाहनों को बैन भी किया जा सकता है लेकिन वर्तमान समय में वाहन चालकों के लिए एक बड़ी खबर निकल कर सामने आई है। बता दें कि केंद्रीय परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों में सीएनजी किट लगाए जाने पर आपत्ति जताई है। इस संबंध में परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई है जिसके बाद यह खबर आम हो चुकी है कि वाहनों में सीएनजी नहीं लगाए जाएंगे।
दरअसल इंडियन ऑटो एलपीजी कोअलिशन (आईएसी) ने भारत स्टेज-6 (बीएस-6) उत्सर्जन मानक वाले वाहनों को ऑटो एलपीजी और सीएनजी में बदलने संबंधी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना पर सवाल उठाए हैं। इस संबध में इंडियन ऑटो एलपीजी कोअलिशन ने कहा कि अधिसूचना में वाहन किस्म की मंजूरी के लिए वैधता की सीमित अवधि को बनाए रखा गया है। इसके अलावा दुर्घटना परीक्षण को भी अनिवार्य किया गया है। वैसे में जब तक इन सभी पहलु पर रिपोर्ट नही आती तब तक वाहनों में सीएनजी किट नही लगाया जा सकता हैं। वही आईएसी ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि रेट्रोफिटमेंट फर्मों को हर तीन साल में रिन्यूवल कराने पर 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जिसके बाद वाहनों के मालिको पर अधिक भोझ बढ़ जायेगा।