ये है बिहार की ‘किसान चाची’, मिल चुका है पद्मश्री, अचार का स्वाद ऐसा कि पूरे देश में है डिमांड

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अगर आप के हौसले बुलंद हो तो जीवन में कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। दृढ़ संकल्प के आगे कठिनाइया भी दूरी बनाने लग जाती है। इसका एक उदाहरण है बिहार की लोकप्रिय किसान चाची। आज किसान चाची की स्टोरी को हर कोई जानता है। उन्हें बिहार का गौरव भी बताया जाता है। किसान चाची ने नारी सशक्तिकरण का एक शानदार मिसाल पेश किया है।

बता दें कि किसान चाची लाखों महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन गई हैं। इनकी कहानी सुनने के बाद आप खुद प्रेरित हो जाएंगे। किसान चाची का असली नाम राजकुमार देवी है। परंतु पूरा देश उन्हें किसान चाची के नाम से जानता है। मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड के आनंदपुर की रोने वाली किसान चाची ने महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की ऐसी अलख जगाई है जिसकी चर्चा पूरे देश में होती रही है।

किसान चाची उर्फ राजकुमार देवी का जन्म एक शिक्षक के घर में हुआ था और उस वक्त लोग कम उम्र में ही शादी कर देते थे। बिहार का दसवीं की परीक्षा देते ही वर्ष 1974 में है उनकी शादी किसान फैमिली में अवधेश कुमार चौधरी से हुई। शादी के बाद किसान चाची की चाहत शिक्षिका बनने की थी लेकिन घर के लोगों को यह मंजूर नहीं था। शादी के बाद कई वर्षों तक संतान प्राप्ति नहीं होने पर उन्हें काफी उपहास का सामना करना पड़ा।

वैज्ञानिक तरीके से खेती करके कृषि क्षेत्र में पहचान बनाने वाली किसान चाची को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्मश्री सम्मान से नवाजा चुके हैं। वहीं, प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग मंचों पर उन्हें दर्जनों अवार्ड मिला है। महिला उद्यमी के रूप में अलग पहचान बना चुकी किसान चाची के द्वारा बनाए गए अलग-अलग तरह के आचारों की डिमांड पूरे देश में है।