यह है बिहार मिनी शिमला, जहां पर स्वामी विवेकानंद और सत्यजीत रे भी रह चुके हैं।

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आपने गर्मियों की छुट्टी में तो कई जगह जा चुके होंगे, चाहे इस बार आप शिमला की जाने का प्लान भी कर रहे होंगे आप, लेकिन बिहार का एक ऐसा जगह है, जो लोगों से पूरी तरह से अछूता है, जिसे बिहार का मिनी शिमला के तौर पर भी जाना जाता है। यहां पर आपको बड़े-बड़े बंगले दिखेंगे हालांकि इस बड़े बड़े बंगलों में अब कोई नहीं रहता है, लेकिन एक समय में यहां के बड़े-बड़े बंगले में देश के कोने-कोने से लोग एक खास समय में रहने आते थे, और नेचर के करीब रहकर अपना वक्त बिताते थे।

जानिए बिहार में कहाँ है यह मिनी शिमला

दरअसल हम बात करें बिहार के दक्षिण पूर्वी अंतिम छोर पर बसा जिला जमुई जिला के जहां पर इस जमुई जिले में सिमुलतला नाम का एक जगह है, जिसे मिनी शिमला के नाम से जाना जाता है। पर्यटक स्थल के तौर पर यह पुरे देश में अपना खाता महत्त्व रखता है। हालांकि यहां पर पर्यटकों की संख्या अब थोड़ी बहुत कम हो चुकी है। कहा जाता है कि अंग्रेज के शासन काल से ही यहां पर सैलानियों का आना जाना होता है।

जानिए क्यों कहते है इसे मिनी शिमला

बताया जाता है कि बंगालियों की 300 कोठिया यहां पर है, इन कोठियों में लोग हॉलीडे और स्वास्थ्य लाभ के लिए आते थे। लेकिन कई कोठियां बिक गई है लेकिन आज भी पहाड़ियों से घिरे वादियों के बीच सिमतुला सबको बेहद आकर्षित कर रहा है। कहा जाता है कि यहां के पानी भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यहां के पानी पीने से पेट के लिए लाभ मिलता है। आपको बता दूं कि यहीं पर बिहार का शानदार स्कूल है जिसे सिमुलतला प्रोजेक्ट नेतरहाट स्कूल 2010 में स्थापित किया गया था, जो कि आवासीय स्कूल है यहां से टॉपर निकलते हैं।

कहा जाता है कि सिमुलतला के मुख्य आकर्षण का केंद्र यहां के लड्डू पहाड़ी पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था। स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंचे स्वामी वीकेकानन्द  जहां कई दिनों तक प्रवास किया था। कहा जाता है कि कई फिल्म शूटिंग यहां पर हो चुकी है।