आज के दौर में यातायात की सुविधा किसी भी मुल्क के विकास का एक प्रमुख मानक है। यदि ट्रैफिक की सुविधा अच्छी होगी तो लोग एक से दूसरे जगह सुलभता से आ-जा सकते हैं। यातायात के साधनों में एक एयरपोर्ट भी है। देश में दिन-प्रतिदिन हवाई अड्डों का तेजी से विस्तार होता जा रहा है। हवाई यात्रा करने वाले पैसेंजर्स को सरकार देश के हर हिस्से में सुविधा उपलब्ध करवा रही है। इस कड़ी में बिहार भी पीछे नहीं है।
बिहार का गया एयरपोर्ट जो बोधगया से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 954 एकड़ क्षेत्र में फैला है यहां एयरपोर्ट बौद्ध धर्म में यकीन रखने वाले देश के पैसेंजर्स विदेशों से डायरेक्ट गया एयरपोर्ट उतरते हैं। इस एयरपोर्ट से फ्लाइट अपने देश के कई राज्यों के साथ ही वियतनाम, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और जापान जैसे देशों के लिए उड़ान भरती है।
बिहार का पटना एयरपोर्ट देश का 14 वां सबसे बिजी एयरपोर्ट है। तकरीबन 7000 फीट में इस एयरपोर्ट का रनवे फैला हुआ है। इससे घरेलू एयरपोर्ट को लंबे अरसे से अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की बात कही जा रही है। लेकिन जमीन का भाव है जिस वजह से मामला अब तक लटका हुआ है। यह एयरपोर्ट फुलवारीशरीफ रेलवे स्टेशन एवं संजय गाँधी जैविक उद्यान के मध्य में स्थित है। यहाँ से देश के कई प्रांतों और प्रमुख नगरों के लिए फ्लाइट के जरिये उड़ान भरती है।
राज्य के भागलपुर एयरपोर्ट से भी विमान शुरू करने की बात कही जा रही है। लेकिन फिलहाल इसकी कोई संभावना नहीं नजर आ रही है। दशकों से बंद पड़े ऐतिहासिक फारबिसगंज एयरपोर्ट को भी समय समय पर शुरू करने की मांग होती रही है। वहीं, 90 वर्ष पुराना मुंगेर एयरपोर्ट से भी उड़ान शुरू नहीं हो सका है। साल 2015 में ही मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था लेकिन अब तक इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा है।
हाल ही में शुरू हुए दरभंगा एयरपोर्ट भी उड़ान के मामले में नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इस एयरपोर्ट पर अभी भी यात्री सुविधाओं की कमी है, जिसके चलते समय समय पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाता रहा है। वहीं पूर्णिया एयरपोर्ट और बिहटा एयरपोर्ट से भी जल्द उड़ान शुरू होने की बात सामने आ रही है। अगर ऐसा होता है तो बिहार के लोगों के लिए आवाजाही में काफी सहूलियत और सुविधा होगी।