ग्रामीण इलाकों में मुर्गा पालन काफी तेजी से पॉपुलर हुआ है, जिसके चलते अंडे और मीट के उत्पादन में भारी वृद्धि हुई है। अब सरकार भी किसानों को पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस अपनाने के लिए वित्तीय सहयोग कर रही है। मुर्गा पालन की शुरुआत करने के लिए सरकार किसानों को बंपर अनुदान दे रही है।
बता दें कि मीट उत्पादन के लिए असील मुर्गों और मुर्गियां का पालन किया जाता है। अंडे उत्पादन के लिहाज से इनकी मुर्गियां कमजोर मानी जाती हैं।
ये मुर्गी सालाना केवल 60-70 अंडे देते हैं। लेकिन इसके अंडे की कीमत काफी अधिक होती है। असील मुर्गी का एक अंडा बाजार में 100 रुपए में बिकता है। इन अंडों के सेवन से आंखो को खूब फायदा होता है।
असील मुर्गी का मुंह बेलनाकार और लंबा होता है जो कि लंबी गर्दन, पंखों, घनी आंखों वाला होता है। इनकी टांगे सीधी और मजबूत होती हैं। इस प्रजाति के मुर्गे का वजन 4-5 किलो और मुर्गी 3-4 किलो का होता है। इसके कोकराल यानी युवा मुर्गे का वजन 3.5-4.5 किलो वहीं पुलैट्स यानी युवा मुर्गी का औसतन वजन 2.5-3.5 किलो होता है। देश के कई हिस्सों में मुर्गों या मुर्गी की लड़ाई चलन में हैं, ऐसे में असील प्रजाति के मुर्गी और मुर्गों को लड़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।