हमारे देश और बिहार में अभी फिलहाल किसान जो भी खेती कर रहे हैं, वह परंपरागत खेती है। लेकिन बिहार के रहने वाले संतोष कुमार ने यह साबित कर दिया है, कि आधुनिक तरीकों से खेती करके आप लाखों रुपए का बिजनेस खराब कर सकते हैं। वह बताते हैं कि उनके पिता उन्हें एक सफल इंजीनियर के तौर पर देखना चाहते थे, उनके पिता ने अपने बेटे की पढ़ाई के लिए पैसा ना होने पर अपनी जमीन बेच दी, ताकि वह एक कामयाब इंजीनियर बन सके लेकिन आज उनका बेटा एक कामयाब बिजनेसमैन बन चुका है इन्हें अब तक कई अवार्ड से नवाजा गया है।
इनकी सफलता की कहानी शुरू होती है, विशाखापट्टनम के इंडियन मैरिटाइम यूनिवर्सिटी से आपको बता दूं कि इन्होंने यहां से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की उनकी पढ़ाई 2017 में पूरी हुई जिसके बाद वह जॉब करने लगे थे। वह बताते हैं कि उनके पिता मूल रूप से किसान है, और संतोष को इंजीनियरिंग पढ़ने के लिए 5 कट्ठा जमीन भी भेजी थी संतोष यह भी कहते हैं, कि उनकी मंजिल इंजीनियरिंग नहीं थी वह भले ही पढ़ाई करके इंजीनियर बन चुके थे लेकिन उनके दिमाग में हमेशा डेहरी का बिजनेस ही घूमता रहता था।
संतोष खुद बताते हैं कि उन्होंने 35000 की नौकरी छोड़ गांव की तरफ रुख किया उसके बाद उन्होंने काफी दिन तक मेहनत करने के बाद गांव में ही गाय पालन की शुरुआत की और उन्हें एक आईडी आया उसके बाद उन्होंने उस पर एक्सपेरिमेंट किया एक साल के बाद उन्होंने आनंद सागर नेचुरल डेरी फॉर्म प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत कर दी, उसके बाद उनका यह आइडिया हिट होने लगा और स्टार्टअप इंडिया के बिहार स्टार्टअप में इनका चयन हो गया।
संतोष बताते हैं, कि वह राजधानी पटना में अभी 200 कस्टमर को हर रोज दूध देते हैं, अभी उनके पास 30 साहिवाल गाय हैं उनकी डेयरी का दूध पशुपालन मंत्री से लेकर सांसद के घर तक पहुंचाई जाती है। वह बताते हैं कि अब उनका बिजनेस करीब 3 सालों में 73 लाख का कारोबार खड़ा हो चुका है।
उनके पास ऐसा भी मॉडल है जिसमें वह अपने बिजनेस के तहत अन्य लोगों की भी मदद करते हैं, अपने मॉडल के माध्यम से वह ऐसी महिला किसान को चुनते हैं, जिसके पास कम से कम 500 स्क्वायर फीट का जगह हो इसके बाद उन किसानों के साथ वह कम से कम 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट करते हैं, वह बैंक से लोन भी दिलाते हैं, इसके बाद उन्हें उनकी कंपनी की तरफ से 10 साहिवाल गाय खरीद कर दी जाती है, इसके बाद उनके खाने से लेकर स्वास्थ्य हर चीज का इंतजाम कर दी है। इसके साथ साथ वह किसान से दूध भी खरीदते हैं।