वैसे तो देखा जाए तो बिहार में उद्योग धंधे धीरे-धीरे लग रहे हैं लेकिन अब भी बिहार में आईटी सेक्टर में कोई बड़ा निवेश अब तक नहीं आया है। इसीको देखते हुए अब बिहार में औद्योगिक नीति में बदलाव किए जा सकते हैं जिसके बाद बिहार में आईटी पार्क, कॉल सेंटर सहित कई और निवेश बिहार में आएंगे।
आपको बता दूं कि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति जो 2016 में संशोधन किए जाएंगे। इसको लेकर कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है यानी कि मार्च 2025 से यह नीति प्रभावी होगा। औद्योगिक नीति में 3 बड़े बदलाव किए जाएंगे जिसमें बताया जा रहा है कि जो भी निवेश प्रोत्साहन नीति में यह प्रावधान किया जाएगा कि जिन इकाइयों द्वारा 2016 के पूर्व किसी प्रकार का प्रोत्साहन राशि प्राप्त है उन्हें इन मध्य में राशि ने राशि दी जाएगी।
इसके अलावा दूसरा बदलाव यह होगा कि 200 करोड़ से अधिक परियोजना की लागत वाली इकाइयों के लिए जीएसटी छूट प्राप्त करने का अवधि 5 वर्ष से बढ़ाकर 7 वर्ष कर दिया जाएगा लेकिन इसमें भी कुछ शर्ते लागू किए जाएंगे। वही तीसरा जो बदलाव होगा वह होगा दो करोड़ से कम निवेश वाले प्रोत्साहन राशि व प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेना का अधिकार अब उद्योग विभाग में ही औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित राज प्रोत्साहन निवेश बोर्ड सचिवालय के पास होगा