बिहार में किसान परंपरागत खेती से अलग हटकर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर कमा रहे हैं लाखों

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देखा जाए तो बरसों से बिहार में परंपरागत खेती की चल रहा है अब भी कई किसान परंपरागत खेती करते हैं जिसमें मुख्यतः चावल दाल अनाज जैसे अन्य परंपरागत खेती की जाती है।

बिहार के इस जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती करेंगे किसान, ऊँची कीमत पर बिकता  है ये पौष्टिक फल - BIHAR WOW

लेकिन अब बिहार में किसान परंपरागत खेती से थोड़ा अलग हटकर खेती कर रहे। जिसमें से नारंगी ड्रैगन फ्रूट जैसे कई फलों की भी खेती बिहार में होने लगी है। उसके अलावा आपको बता दूं कि चाय की भी खेती बिहार में प्रारंभ किया गया है इससे किसानों को बेहद ही लाभ मिल रहा है।

कुछ ऐसी किसान की कहानी है जो कि एक मोतिहारी के रहने वाले किसान है जिनका नाम रितेश पांडे है जिन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की वह बताते हैं कि रहने इस ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है। पानी पटाने और खाद डालने का टेंशन भी नहीं होता है। आज की तारीख में ड्रैगन फ्रूट की खेती करके दो से 3 लाख सालाना कमा लेते हैं।

Dragon Fruit Farming: मुनाफा ही मुनाफा! ड्रैगन फ्रूट की खेती कर बिहार के  किसान बदल रहे हैं अपनी तकदीर - bihar motihari farmers are earning heavy  profit by dragon fruit cultivation lbsa -

अगर देखा जाए तो ड्रैगन फ्रूट की खेती अभी बिहार के कई जिलों में की जा रही है जिसमें मुख्यतः बताया जा रहा है कि बिहार के सहरसा, पूर्णिया, सुपौल, खगड़िया, अगरिया और नालंदा के किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती करके अच्छी खासी मोटी कमाई कर रहे हैं। बिहार के अलावा तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी बड़ी संख्या में खेती हो रही है।