बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजना नल जल हरियाली को लेकर सरकार प्रतिबद्ध दिखाई दे रही है। वर्तमान समय में विधानसभा में पेश किए गए बजट में भी उपमुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी थी। अब इसी कड़ी में बिहार सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था की है जिसके बाद बिहार के सभी नलकूप आधुनिक तथा एडवांस तकनीक से लैस हो जाएंगे। दरअसल इस योजना की सबसे बड़ी खराबी है होती है कि इसमें पानी की अत्याधिक बर्बादी हो रही है जिसको देखते हुए बिहार सरकार ने सभी नलकूपों को मोबाइल से ऑपरेट करने का निर्णय लिया है।
जानिए किस तकनीकी पर काम करेंगे बिहार के सभी नलकूप
बताया जा रहा है कि इस एडवांस तकनीक के बाद सरकारी नलकूप अब वाहनों की तरह मोबाइल से ही बंद और चालू होंगे। साथ ही, मुख्यालय में बैठे अधिकारी नलकूप की खराबी और जलस्तर का भी पता लगा सकेंगे। नलकूप से कितना पानी का रोज दोहन हो रहा है इसका भी अंदाजा अधिकारी लगा पाएंगे। नलकूपों को मोबाइल से जोड़ने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। इसी के साथ हर जिले के एक नलकूप को स्काडा योजना के तहत जोड़ा जाएगा। इसमें यह व्यवस्था की गई है कि पटना के अधिकारी नलकूप की खराबी से लेकर वोल्टेज और पानी की सतह तक पता कर सकेगें।
वही बिहार 3156 नलकूपों में यह मशीन लगेंगे। लघु जल संसाधन विभाग ने 3098 नलकूपों में मशीन लगा दी है। इस योजना के तहत नलकूपों की मशीन में चिप डालकर उसे मुख्यालय के नियंत्री पदाधिकारी के पास रखी मशीन से जोड़ दिया जाता है। उससे यह जानकारी मुख्यालय के अधिकारी ले सकेंगे कि कितने घंटे मशीन चली है। इसके साथ साथ ही विभाग ने नलकूपों के रखरखाव की जिम्मेदारी पंचायतों को दे दी है। लिहाजा पंचायत के मुखिया की अनुशंसा पर ही किसी किसान के मोबाइल से किसी नलकूप को जोड़ा गया है। जिस किसान के मोबाइल से यह जुड़ेगा वह घर बैठे ही नलकूप को चालू और बंद कर सकेगा।