बिहार के लाल ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ शुरू किया राज्य का पहला काजू प्रोसेसिंग यूनिट, कमा रहे लाखो

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बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां आज भी अधिकतर जगहों पर खेती की जाती है लेकिन कृषि में आधुनिकता की कमी के कारण यहां के लोग बस खाने कमाने बढ़कर रोजगार ले पाते हैं। इसी दिशा में बिहार के एक इंजीनियरिंग पास युवा ने बिहार में राज्य की पहली काजू प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर आज समाज के लिए मिसाल बना बल्कि लाखों कमाने के साथ-साथ अन्य लोगों को रोजगार भी दे रहा है।

बताया जाता है कि इस युवक ने अपनी अच्छी खासी इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर बिहार के एक गांव में इस यूनिट को लगाने का निर्णय लिया और आज पूरे समाज के लिए एक मिसाल बन गया है।

मधुबनी के अभिषेक ने शुरू किया राज्य का काजू प्रोसेसिंग यूनिट

बता दे की मधुबनी के बेनीपट्टी के बाजितपुर गांव के रहने वाले अभिषेक कुमार ने इंजीनियारंग की नौकरी छोड़कर पहला काजू प्रौसेसिंग युनिट खोला है। जिसके अभिषेक आज सीधे तौर पर 23 लोगों को जॉब देने के साथ 50 महिला और पुरुष को जॉब दे रहे हैं।

बता दे की पटना में सालों से किया जा रहा ये काम अभिषेक ने बेटे पूरा कर मुंबई के एक कंपनी में 10 साल तक काम किया लकिन उस कंपनी में उनका मन नहीं भरा इन्होने कुछ अलग करने की ठानी और अपने गांव वापस आ गये। फिर साल 2020 में देश का लॉकडाउन से मिले अनुभव के कारण अभिषेक ने बिहार में कुछ करने की ठानी।

मुंबई में काम का अनुभव बिहार में यूनिट लगाने पर आया काम

बता दें कि उसके बाद फिर अभिषेक ने वर्क फ्रॉम होम के सहायता से 2020 में ही राज्य में पहले काजू प्रोसेसिंग यूनिट की नींव रखी फिर समस्या यह आई कि बिहार में काजू की खेती नहीं होती थी। वह मुम्बई, मध्यप्रदेश से कच्चा माल मंगवाते हैं। फिर अच्छे से काजू की प्रोसेसिंग कर बेहद अच्छी कीमत पर बेचते हैं।

अभिषेक ने गांव में रोजगार पैदा कर दी है जिससे कई लोगों को रोजगार मिल पा रहा है और जो लोग इस पहल में जुड़े हैं उन्हें पैसों की दिक्कत नहीं होती है। उसके बाद काजू प्रोसेसिंग युनिट बनाने के लिए अभिषेक ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 25 लाख रुपए का लोन लिया है। बाकी 20 लाख रुपए जमीन बेचकर लगा दिया। इसके बदौलत पांच महीने में पांच लाख रुपए की आमदनी कमा चुके हैं।

शुरुआत के दिनों में लोग देते थे ताना, अब मांग रहे नौकरी

अभिषेक बताते हैं कि उनकी सफलता 1 दिन की मेहनत की नहीं है बल्कि इसके लिए उन्होंने कई सालों का संघर्ष किया। जब वह संघर्ष के दिनों में थे तब लोग उन्हें यह कह कर ताना दिया करते थे कि यह लड़का पागल है अच्छी खासी इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर इस गांव में आ गया। पता नहीं उसका क्या होगा लेकिन अब समय बदलने के बाद वही लोग मेरे यहां नौकरी मांगने के लिए आ रहे हैं। वही अभिषेक बताते हैं कि बाहर से काजू मंगवाने पर बिजनेसमैन को एक हजार रुपए किलों मिलता है। बिहार में प्रोसेसिंग होने से 800 रुपए किलो दे रहे हैं।