अब तक आपने बिजली परंपरागत तरीको से ही बिजली का प्रयोग किया होगा, लेकिन अब बिहार में बिजली के उत्पादन अन्य तरीकों से भी शुरू कर दी गई है। लेकिन अब बिहार में परंपरागत बिजली की शुरुआत के आलावा भी अब बिजली उत्पन्न करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। आपको बता दूं कि जहां पिछले महीनों दरभंगा में बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का निर्माण कर लिया गया है और यहां से बिजली उत्पादन भी शुरू हो गया है वही अब बिहार में बिजली की उत्पादन दिन में सौर ऊर्जा तो रात में पानी के जरिए बिजली मिलेगी।
दरअसल आपको बता दूं कि बिहार में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में और भी बेहतरीन के तरफ बढ़ रहा है और बताया जा रहा है कि बिहार के कैमूर में बिहार का अपने आप में यह पहला ऐसा बिजली संयंत्र होगा जहां पर दिन में सौर ऊर्जा से बिजली मिलेगी वहीं रात के समय पानी के जरिए बिजली मिलने वाले हैं दरअसल आपको बता दूं कि उनके ऊर्जा मंत्रालय के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान स्थल जल विद्युत निगम को जिम्मा सौंप दिया है।
आपको बता दूं की इस प्रकार का प्रयोग सबसे पहले बिहार के कैमूर के हाथीआवर और दुर्गावती में इस योजना पर काम किया जाएगा। सबसे पहले नेशनल हाइड्रो पावर कारपोरेशन ने 1100 मेगावाट के पंप स्टोरेज स्कीम पर अध्ययन किया था। आपको बता दूं कि इस स्कीम के तहत यह व्यवस्था की जाएगी कि शाम में से 5 बजते ही सौर ऊर्जा की आपूर्ति बंद होगी वैसे ही पंप स्टोरेज स्कीम के तहत बनी हुई बिजली विद्युत इकाई से बिजली मिलना प्रारंभ हो जाएगी।