आज बिहार का लाइफ लाइन कहे जाने वाला गांधी सेतु उद्धघाटन हो चूका है और गांधी सेतु पर गाडिया फर्राटा दौड़ रही है। आपको बता दूं कि कई दशकों के बाद गांधी सेतु के दोनों लेन पर गाड़ियां फर्राटा दौड़ना शुरू किया है। जानकारी के लिए बता दूं कि बिहार के मुख्यमंत्री व केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को गांधी सेतु का लोकार्पण किया इसके साथ-साथ 10-15 राष्ट्रीय उच्च मार्ग परियोजना का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया है।
सभी राष्ट्रीय उच्च मार्ग बिहार की रोड आधारभूत संरचना को और भी बेहतर करने के लिए कई परियोजनाओं को शुरू किया गया है। परियोजना की कुल लागत 13585 करोड़ रुपए बताई जा रही है वहीं इस परियोजना में सबसे बड़ा परियोजना गांधी सेतु है। जिसका लोकार्पण हो चुका है वहीं इस ब्रिज का पुनर्निर्माण होने के बाद उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार की कनेक्टिविटी पहले की अपेक्षा और भी बेहतर हो जाएगी।
- गोपालगंज शहर में चार लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर। इसकी लंबाई तीन किमी और लागत 185 करोड़ है।
- मुंगेर-भागलपुर-मिर्जाचौकी फोर लेन ग्रीन फील्ड। इस सड़क की लंबाई 124 किमी और लागत 5788 करोड़ रुपये है।
- जयनगर बाईपास पर दो लेन अप्रोच रोड के साथ आरओबी। इसकी लंबाई एक किमी और लागत 70 करोड़ है।
- उमगांव से भेजा तक दो लेन सड़क, इसकी लंबाई 89 किमी और लागत 1614 करोड़ है।
- बेगूसराय शहर में चार लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर। इसकी लंबाई चार किमी और लागत 256 करोड़ है।
- पुरानी मुंगेर-मिर्जाचौकी सड़क। इसकी लंबाई 108 किमी और लागत 1044 करोड़ है।
- औरंगाबाद से चोरदाहा (झारखंंड सीमा) छह लेन सड़क परियोजना। यह सड़क 70 किमी लंबी और इसकी लागत 1508 करोड़ है।
- एम्स पटना से नौबतपुर के बीच अतिरिक्त दो लेन सड़क। इसकी लंबाई 11 किमी और लागत 88 करोड़ रुपये है।
- कायम नगर से आरा शहर तक चार लेन सड़क। इसकी लंबाई नौ किमी और लागत 98 करोड़ है।