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हम जमीन खरीदते हैं तो हमें कई बार कई समस्या होती है। लेकिन अब नगर निकायों को लोग अपनी प्रॉपर्टी की गलत जानकारी नहीं दे पाएंगे। अगर किसी ने ऐसा किया तो उनकी गलती पकड़ी जाएगी इन्हीं सब को लेकर अब बिहार के कई शहरों में जीआईएस मैपिंग की जाएगी।

दरअसल आपको बता दूं कि इस जीआईएस मैपिंग को इसलिए की जा रही है ताकि सभी शहरों का प्रॉपर्टी सर्वे भी होगा। नगर निकाय विभागों ने निकायों की आमदनी बढ़ाने और इलाकों में रहने वाले लोगों और शहरों में रहने वाले लोगों की संपत्ति की सही आकलन के लिए बिहार के कई शहरों और कस्बों में प्रॉपर्टी सर्वे और जीआईएस मैपिंग कराए जाने का निर्णय लिया गया है। आपको बता दूं कि इसमें राजधानी पटना सहित बिहार के 99 शहरों को शामिल किया गया है।

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उधर नगर विकास विभाग ने इसके लिए फार्मूला भी तय कर लिया है। सभी 99 शहरों को इस ग्रुप में बांटा है वही योजना पर अगर नजर डालें तो इस ग्रुप में राजधानी पटना दानापुर, खगौल, फुलवारी, मनेर, बिहार शरीफ, राजगीर सहित 40 शहर का सर्वेक्षण 12 ग्रुप में बांटकर होगा इसके अलावा उनका संपतचक, धमदाहा, मीरगंज, फुलपरास, बेनीपट्टी सहित 42 घरों का सर्वे में बांटकर होगा।

वहीं अगर इस जीआईएस मैपिंग की बात करें तो इससे लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा जीआईएस मैपिंग से शहर के सभी प्लॉट और मकान की बाकी की स्थिति और उस पर लगाने वाले कर की जानकारी हो सकेगी इसके साथ-साथ इस जीआईएस मैपिंग से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि संपत्ति को लेकर टैक्स देने में फर्जीवाड़ा भी नहीं हो पाएगा इससे निकायों की आमदनी और राजस्व में बढ़ोतरी होगी हालांकि अब तक अभी इसका सर्वेक्षण का काम शुरू नहीं किया गया है लेकिन बताया जा रहा है कि 18 सितंबर तक सभी एजेंसियों से सर्वे करने को लेकर प्रस्ताव मांगे गए हैं।

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