पटना मेट्रो के सुरंग खोदने के लिए भीमकाय मशीन से काम हुआ शुरू जानिए 

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बिहार सरकार की बेहद महत्वकांक्षी योजना पटना मेट्रो प्रोजेक्ट पर इन दिनों राजधानी पटना में कार्य प्रगति पर है। बता दें कि पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत राजधानी के अलग-अलग हिस्सों पर तेजी से काम किया जा रहा है। कई जगहों पर अंडरपास बनाए जा रहे हैं।

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वही पटना मेट्रो को लेकर सरकार यह दावा कर रही है कि हम इस परियोजना को समय से पहले तैयार कर लेंगे लेकिन पटना मेट्रो प्रोजेक्ट में सबसे बड़ी दिक्कत इसके लिए सुरंग बनाने का कार्य है जिसके कारण पटना मेट्रो की रफ्तार काफी धीमी हो चुकी थी

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लेकिन अब सुरंग खोदने के लिए एक खास प्रकार की मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह मशीन हाईटेक सुविधाओं से लैस है और इसका वजन 60 हाथियों के बराबर है जिससे पटना मेट्रो के निर्माण में अब तेजी आयेगी।

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सुरंग बनाने के लिए टनल बोरिंग मशीन से हो रहा काम, जानी इसकी खासियत

जानकारी के अनुसार, पटना मेट्रो प्रोजेक्ट का चार में से पहले टनल बोरिंग मशीनों का प्रयोग किया जा रहा हैं। इसे पटना में मोइन-उल-हक स्टेडियम स्थित स्टेशन में उतारा गया। पटना मेट्रो परियोजना में अंडरग्राउंड टनलिंग का काम टीबीएम मशीन से किया जाएगा। टीबीएम महावीर सीरियल नंबर डीजे 1090 का वजन लगभग 420 मीट्रिक टन है।

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वही अब टीबीएम के अन्य भाग को जोड़ने के बाद मलबा हटाने आदि का काम किया जाएगा। टीबीएम को पूरी तरह से जोड़ने की प्रक्रिया में लगभग 2 से 3 सप्ताह का समय लगेगा। इस टीबीएम का वजन 60 हाथी के वजन के बराबर की जा सकता है। बता दे की दिल्ली के बाद डीएमआरसी पटना मेट्रो में यह दूसरा मौका है जब टीबीएम को पहले जमीन पर असेंबल किया गया और उसे क्रैडल पर मेगालिफ्ट की मदद से उतारा गया।

टीबीएम को खास बनाता हैं इसका डिजाइन

पटना पूर्वी भारत में गंगा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है जिसमें जलोढ़ मिट्टी है। भूजल स्तर भी काफी ऊंचा है। जिसके बाद पटना मेट्रो के लिए नरम मिट्टी और जमीन के दबाव संतुलन को देखते हुए ही टीबीएम का डिजाइन और निर्माण किया गया है। टनल बोरिंग मशीन में बैकअप गैन्ट्री के साथ एक कटर हेड, फ्रंट शील्ड, मिडिल शील्ड, टेल शील्ड शामिल है।

टीबीएम की मुख्य बॉडी लंबाई लगभग 9मी है। इपीबी की पूरी लंबाई लगभग 95 मी है। 6350 मिमी के बाहरी डायमीटर और 5800 मिमी के अंदर के डायमीटर के साथ प्रीकास्ट रिंग लाइनिंग के साथ खुदाई का डायमीटर 6650 मिमी है। प्रत्येक रिंग के लिए लगभग 49 घन मीटर जमीन में खनन किया जाएगा। वही बताया जा रहा है कि पटना मेट्रो में इस प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल होने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि सुरंगों की खुदाई जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी जिसके बाद पटना में एक नई रफ्तार आने की संभावना है।