बिहार का एकमात्र चिड़ियाघर जो कि बिहार की राजधानी पटना में वर्ष 1971 में खोला गया था। तब से अब तक पूरे बिहार में यह बिहार का एकमात्र चिड़ियाघर है, जिसको संजय गांधी जैविक उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दूं कि इस चिड़ियाघर में पूरे बिहार के लोग घूमने आते हैं। लेकिन खबरों पर अगर नजर डालें तो बताया जा रहा है, कि अब बिहार में राज्य का दूसरा चिड़ियाघर खुलने जा रहा है, जो कि पटना जू से कहीं बड़ा होगा।
दरअसल आपको बता दूं कि बिहार के अररिया जिला में राज्य का सबसे बड़ा चिड़ियाघर का निर्माण जल्द ही शुरू किया जाएगा। आपको बता दूं कि इसका निर्माण कुल 289 एकड़ से अधिक की जमीन में किया जाएगा यह बिहार का दूसरा चिड़ियाघर होगा और यह प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर भी होगा। आपको बता दूं कि अभी फिलहाल चिड़ियाघर के निर्माण शुरू नहीं हुआ है। लेकिन बताया जा रहा है, कि बिहार सरकार की तरफ से चिड़िया घर बनाने के लिए जमीन की अनुमति मिल गई है, और यह चिड़ियाघर बिहार के अररिया जिला के रानीगंज में बनेगा।
खबर के अनुसार बताया जा रहा है कि यह चिड़ियाघर को सेंट्रल जू अथॉरिटी विभाग के अधिकारी के मुताबिक सेंट्रल जू अथॉरिटी के द्वारा इस चिड़िया घर का निर्माण कराने के लिए पहले चरण की अनुमति मिल चुकी है। वही रिपोर्ट मिलने के बाद बताया जा रहा है कि करीब जून में इसकी मंजूरी मिल सकती है।
वहीं बिहार के अररिया के रानीगंज में बनने वाले इस चिड़ियाघर को 2022 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया है बताया जा रहा है कि यहां पर कर गरीब 289 एकड़ में जंगल फैला हुआ है। वही जंगल के बीचो बीच एक शानदार तालाब है, और तालाब में टापू भी है बताया जा रहा है कि यहां पर चिड़ियाघर के बनने के बाद यहां पर पर्यटकों की संख्या में तेजी से उछाल देखी जाएगी।