राजधानी पटना दुनिया का सबसे पुरानी शहर में से एक है जो अब भी आगे बढ़ रहा है आपको बता दूं कि कभी देश की बड़ी-बड़ी साम्राज्य की राजधानी पटना हुआ करती थी और यह पटना कभी पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। वहीं दूसरी तरफ पुराने पटना यानी कि पटना सिटी के नीचे ही ढाई हजार साल पुराना गौरवशाली पाटलिपुत्र नगर होने की संभावना जताई गई है। नीतीश कुमार अब राज्य सरकार ने इतिहास के इन पन्नों से मिट्टी हटाने की तैयारी शुरू कर दी है।
दरअसल आपको बता दूं कि राजधानी पटना के करीब आधा दर्जन से अधिक जगह पर खुदाई की जाएगी पहले चरण पर इन जगहों की जीटीआर यानी कि ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सर्वे कराए गई है और इसकी रिपोर्ट तैयार किए जा रहे हैं सर्वे रिपोर्ट में अगर सकारात्मक संकेत आते हैं तो खुदाई का निर्णय लिया जाएगा।
कला संस्कृति एवं युवा विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कि राजधानी पटना के जिन आधा दर्जन इलाकों में खुदाई की जा सकती है उसमें पटना सिटी के अंतर्गत भद्र घाट, महावीर घाट, गुलजारबाग राजकीय मुद्रणालय का खेल मैदान, बेगम की हवेली, बीएआर प्रशिक्षण महाविद्यालय का प्रशासनिक भवन एवं मैदान सैफ खान का मदरसा मनसूर मजार तथा मेहंदी मजार क्षेत्र पर जीपीआर सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है। उम्मीद की जा रही है कि सर्वे के काम पूरा होने के बाद अगस्ता कलात्मक रिपोर्ट आती है तो यहां पर खुदाई की जा सकती है।
उधर आपको यह भी बता दूं कि पटना सिटी के साथ-साथ राजधानी पटना के बुध मार्ग स्थित पटना संग्रहालय परिसर में अभी पाटलिपुत्र के अवशेष की खोज शुरू हुई है वही अभी खुदाई के दौरान कई अवशेष भी मिले हैं और कई बहुमूल्य चीज भी संग्रहालय परिसर में पिछले दिनों प्राचीन मृदभांड व अन्य अवशेष प्राप्त हुए थे।