देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोट, पहले खंड का उद्घाटन किया। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के राजस्थान फेज के शुरू होने से दिल्ली से जयपुर की दूरी साढ़े 3 घंटे में पूरी हो जाएगी और पूरे इलाके के वित्तीय विकास को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
बता दें कि यह एक्सप्रेसवे दिल्ली को मुंबई से जोड़ेगा और सफर के समय को तकरीबन 12 घंटे कम कर देगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किमी लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट के निर्माण में लगभग 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च हुई है।
दूसरी ओर, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के राजस्थान फेज के उद्घाटन को 2024 मैं होने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा द्वारा एक बड़े बुनियादी ढांचे के तौर पर देखा जा रहा है। आठ लेन लंबा यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इसकी टोटल लंबाई 1386 किमी है। पहले दिल्ली से मुंबई के लिए 1424 किलोमीटर दूरी तय करना पड़ता था।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे छह प्रदेशों: दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश से होकर गुजरेगा और कोटा, भोपाल, इंदौर, जयपुर, सूरत और वडोदरा जैसे प्रमुख शहरों को संपर्कता प्रदान करेगा। यह एक्सप्रेसवे 8 प्रमुख हवाई अड्डों, 93 गति शक्ति आर्थिक नोड्स, 8 मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क और 13 बंदरगाहों के साथ-साथ जेवर एयरपोर्ट, नवी मुंबई हवाई अड्डे तथा जेएनपीटी पोर्ट जैसे नए आने वाले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को सेवा प्रदान करेगा।
बताते चलें कि एक्सप्रेसवे का तमाम निकटवर्ती इलाकों के विकास पथ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, इस तरह यह देश के वित्तीय बदलाव में एक अहम योगदान देगा। यह देश और एशिया का पहला एक्सप्रेसवे जिसमें अंडरपास ओर पशु ओवरपास को समायोजित किया जा सकता है।