देश के दिग्गज राजनेता और कई बार केंद्रीय मंत्री का जिम्मा संभाल चुके रामविलास पासवान का निधन साल 2020 में ही हो गया, लेकिन उनके द्वारा किए गए कामों को लोग आज भी याद करते हैं। इन दिनों उनके उत्तराधिकारी बनने की रेस में उनके बेटे चिराग पासवान और भाई पशुपति पारस के बीच जंग चल रहा है।
रामविलास पासवान के पुत्र और जमुई के सांसद चिराग पासवान अपने पैतृक गांव शाहरबन्नी पहुंचे, साथ में उनकी मां रीना पासवान थी। चिराग ने अपनी बड़ी मां यानी कि रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमार देवी से भेंट की। पूरे 44 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद रामविलास पासवान की दोनों पत्नी राजकुमार देवी और रीना पासवान की मुलाकात हुई।
चिराग दोनों मां के साथ मुस्कुराते हुए दिखे और पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया। चिराग अपने पैतृक गांव अपनी मां रीना पासवान के साथ पहुंचे थे जहां उन्होंने दादा और दादी की मूर्ति पर श्रद्धांजलि दी। फिर पास के उच्च विद्यालय पहुंचे जहां उनके पापा स्वर्गीय रामविलास पासवान की प्रारंभिक पढ़ाई हुई थी।
चिराग ने बातचीत में कहा कि इस विद्यालय में पढ़ने के लिए मेरे पिताजी नदी पार कर आते थे। इस स्कूल के आधुनिकीकरण के लिए पिताजी ने लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब की स्थापना की। दोनों मां और चिराग को साथ में देख वहां उपस्थित सभी लोगों को आनंदित हो गए।