अब बिहार के इस जिला में हो रही है ड्राई फ्रूट की खेती किसान कमा रहे हैं लाखों

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बिहार में अब परंपरागत खेती को छोड़ कर कई अन्य प्रकार की खेती भी की जा रही है। आपको बता दूं कि बिहार में अब गेहूं, मक्का सहित अन्य परंपरागत की खेती के अलावा और बिहार में सेब, नारंगी, संतरा सहित कई अन्य प्रकार के खेती किए जा रहे हैं आपको बता दूं कि अब बिहार के एक और जिलामें अंजीर की खेती की शुरुआत की गई है यहां पर अब किसान लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं।

दरअसल आपको बता दूं कि दक्षिण भारत में होने वाली अंजीर की खेती बिहार में भी शुरू की गई है दरअसल बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के खरौना और पानापुरी में इसकी खेती की शुरुआत की गई है। जहां पर बताया जा रहा है कि खरौना एवं पानापूरी में 100 अंजीर की पेड़‌ लगाई गई है। यहां की नर्सरी से पौधे लाकर किसानों ने लगाया है करीब 36 एकड़ में इसकी बाग लग गए हैं।

इसके अलावा आपको यह भी बता दूं कि बिहार के मुजफ्फरपुर के साथ-साथ पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, पटना, बेगूसराय, सीतामढ़ी, वैशाली, गोपालगंज, समस्तीपुर के किसान इसकी खेती कर रहे हैं। इसकी एक किसान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी शामिल है हालांकि आपको जानकारी के लिए बता दूं कि इसकी जानकारी देते हुए नर्सरी संचालक बता रहे हैं कि इसकी खेती करके किसान जब फल निकालेंगे तो इसकी फल बेचने की उन्हें कोई भी दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि नर्सरी संचालक खुद इस फल को खरीदेंगे।

इसके फल को सूखाने के बाद बाजार में अच्‍छी मांग रहती है। एक पेड़ से करीब 12 से 14 किलो तक अंजीर का उत्पादन हो सकता है। पौधे की आयु 25 साल होती है। कीमत की बात करें तो 70 से 100 रुपये प्रति किलो इसका फल बिकता है। जब सूखाते हैं तो इसकी कीमत पांच सौ रुपये किलो तक रहती है।